नई दिल्ली, सौरव सारसर। देश केे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी नहीं रहे। सोमवार को दिल्ली के आर्मी अस्पताल में उनका 84 साल की उम्र में निधन हो गया। वे कोरोना संक्रमित पाए गए थे। और लंबे समय से दिल्ली के आर्मी अस्पताल में भर्ती थे। राष्ट्रपति मुखर्जी की ब्रेन सर्जरी भी हुई थी, जिसके बाद से उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई थी। वे गहन कोमा में वेंटीलेटर पर थे। और उनके फेफड़ों में संक्रमण का इलाज चल रहा था। राष्ट्रपति मुखर्जी के निधन के बाद देश में शोक की लहर है। और सरकार की ओर से 31 अगस्त से 6 सितंबर तक, 7 दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया कि शोक के दौरान देशभर के सरकारी भवनोंं पर तिरंगा आधा झुका रहेगा और कोई सरकारी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा।
राष्ट्रपति के निधन की जानकारी उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्विटर केे ज़रिए देतेे हुए लिखा, 'भारी मन के साथ आपको सूचित करना है कि मेरे पिता श्री प्रणब मुखर्जी का निधन हो गया है, आरआर अस्पताल के डॉक्टरों के सर्वोत्तम प्रयासों और पूरे भारत के लोगों की प्रार्थनाओं और दुआओं के लिए मैं आप सभी का धन्यवाद करता हूं।'
प्रणब मुखर्जी देश के 13वें राष्ट्रपति थे। उनका राष्ट्रपति कार्यकाल जुलाई 2012 से जुलाई 2017 तक का था। और 26 जनवरी 2019 को उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
बता दें की 10 अगस्त को मस्तिष्क में खून का थक्का बन जाने के कारण उन्हें गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती किया गया था। सर्जरी से पहले उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद उनके मस्तिष्क से खून के थक्के को हटाने के लिए सर्जरी की थी।
राष्ट्रपति मुखर्जी के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने दुख ज़ाहिर करते हुए ट्विटर पर लिखा की, भारत रत्न श्री प्रणब मुखर्जी के निधन पर बहुत दुख हुआ। उन्होंने हमारे राष्ट्र के विकास पथ पर एक अमिट छाप छोड़ी है। एक विद्वान सम उत्कृष्टता, एक राजनीतिज्ञ, वह राजनीतिक स्पेक्ट्रम के पार और समाज के सभी वर्गों द्वारा प्रशंसित थे।
-TCN News